aṣṭādhyāyī
पाणिनीविरचिता
20141017
1.3.25 उपान्मन्त्रकरणे
स्था after उप in the sense of मन्त्रकरण (agent) is आत्मनेपद. For example, आदित्यं उपतिष्ठते.
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