aṣṭādhyāyī
पाणिनीविरचिता
20141109
2.1.8 यावदवधारणे
यावत् is both अव्यय and तद्धितान्त. Wherever, यावत् has सामर्थ्य (applicability) and proof, there is अव्ययीभाव. For example, यावदमत्रम् अर्थात् यावन्ति अमत्राणि तावन्तः.
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